View Larger Image एक भक्त स्वाभाविक रूप से इतना विनम्र और मृदुल होता है कि वह जीवन की किसी भी स्थिति को भगवान के आशीर्वाद के रूप में स्वीकार करता है. Post Views: 1,749 (Visited 22 times, 1 visits today)4 4Shares blucursor2023-06-26T15:59:43+05:30 Related Posts व्यक्ति को जन्म के अनुसार ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य, या शूद्र के रूप में नहीं स्वीकारा जाना चाहिए. व्यक्ति को जन्म के अनुसार ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य, या शूद्र के रूप में नहीं स्वीकारा जाना चाहिए. अगस्त 10th, 2023 | 0 Comments उपदेश भगवान की सर्वोत्तम सेवा है. उपदेश भगवान की सर्वोत्तम सेवा है. अगस्त 10th, 2023 | 0 Comments भगवान की मायावी ऊर्जा को देखने की उत्सुकता कभी-कभी पापमय भौतिक इच्छा के रूप में विकसित हो जाती है। भगवान की मायावी ऊर्जा को देखने की उत्सुकता कभी-कभी पापमय भौतिक इच्छा के रूप में विकसित हो जाती है। जुलाई 6th, 2023 | 0 Comments असाधारण रूप से दीर्घजीवी संत मार्कण्डेय ऋषि। असाधारण रूप से दीर्घजीवी संत मार्कण्डेय ऋषि। जुलाई 6th, 2023 | 0 Comments भक्ति सेवा जीव के सूक्ष्म शरीर को लुप्त कर देती है। भक्ति सेवा जीव के सूक्ष्म शरीर को लुप्त कर देती है। जुलाई 6th, 2023 | 0 Comments कलियुग का समय। कलियुग का समय। जुलाई 6th, 2023 | 0 Comments Leave A Comment जवाब रद्द करेंComment
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