व्यक्ति को अपने शरीर को तिलक से सजाना चाहिए, जो वैष्णवों का चिन्ह है. विचार यह है कि जैसे ही कोई व्यक्ति वैष्णव के शरीर पर इन चिन्हों को देखता है वह तुरंत कृष्ण का स्मरण करेगा. भगवान चैतन्य ने कहा है कि वैष्णव वह होता है, जिसे देखने पर, व्यक्ति को कृष्ण की स्मृति हो आए. इसलिए, यह आवश्यक है कि एक वैष्णव अन्य व्यक्तियों को कृष्ण की स्मृति दिलाने के लिए अपने शरीर पर तिलक चिन्ह लगाए. इस प्रकार तिलक चिन्हित करने में, कभी-कभी व्यक्ति शरीर पर हरे कृष्ण भी लिख सकता है.
स्रोत: अभय चरणारविंद स्वामी प्रभुपाद (2011 संस्करण, अंग्रेजी), “भक्ति का अमृत”, पृ. 54
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