हमें चिढ़ने के स्थान पर चीज़ों को सहन करना चाहिए.
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कभी कभी संत स्वभाव के या बहुत धार्मिक व्यक्ति को भी जीवन में उलटफेर का सामना करना पड़ता है. ऐसी घटनाओं को भाग्यकरी समझना चाहिए. यद्यपि अप्रसन्न होने के पर्याप्त कारण हो सकते हैं, व्यक्ति को ऐसे उलटफेरों का प्रतिकार करने से बचना चाहिए, क्योंकि जितना ही हम ऐसे उलटफेर को ठीक करने का प्रयास करते हैं, उतना ही हम भौतिक चिंता के सबसे गहन अंधेरे क्षेत्रों में प्रवेश करते जाते हैं. भगवान कृष्ण ने भी हमें इस संदर्भ में सुझाव दिए हैं. हमें चिढ़ने के स्थान पर चीज़ों को सहन करना चाहिए.
स्रोत: अभय चरणारविन्द भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद (2014 संस्करण, अंग्रेज़ी), "श्रीमद् भागवतम ", चतुर्थ सर्ग, अध्याय 19 - पाठ 34
Sansar ko smjhne k liye khud ko smjhne se shuru karna hoga 💐😊🙏🏻