जल प्रत्येक के लिए जीवन का स्रोत है.
Post Views: 657
तथाकथित वैज्ञानिकों की परिकल्पनाओं के बावजूद, इस ग्रह पर और अन्य ग्रहों पर जल की विशाल मात्रा हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण से नहीं रची गई है. बल्कि, जल को कभी-कभी भगवान के परम व्यक्तित्व का स्वेद होना और कभी उनका वीर्य होना बताया जाता है. जल ही है जिससे सभी जीव उत्पन्न होते हैं, और जल के ही कारण वे जीवन जीते और विकसित होते हैं. यदि जल न हो, तो समस्त जीवन समाप्त हो जाएगा. जल सभी के लिए जीवन का स्रोत होता है. इसलिए, भगवान के परम व्यक्तित्व की कृपा से हमारे पास सारे संसार में इतना जल है.
स्रोत – अभय चरणारविंद स्वामी प्रभुपाद (2014 संस्करण, अंग्रेज़ी), “श्रीमद् भागवतम्” , आठवाँ सर्ग, अध्याय 5 – पाठ 33