ध्रुवलोक नामक, ध्रुवतारा, ब्रम्हांड की धुरी है, और सभी ग्रह इसी ध्रुवतारे की परिक्रमा में ही गति करते हैं. ध्रुवलोक नामक, ध्रुवतारा, ब्रम्हांड की धुरी है, और सभी ग्रह इसी ध्रुवतारे की परिक्रमा में ही गति करते हैं. Read More
आरंभ में ब्रम्हा ने केवल संत समान पुत्र ही नहीं उत्पन्न किए अपितु राक्षसी संतानें भी रचीं. आरंभ में ब्रम्हा ने केवल संत समान पुत्र ही नहीं उत्पन्न किए अपितु राक्षसी संतानें भी रचीं. Read More
समय का कारक इतना बाध्यकारी होता है कि कालांतर में इस भौतिक संसार की सभी वस्तुएँ समाप्त हो जाती हैं या खो जाती हैं. समय का कारक इतना बाध्यकारी होता है कि कालांतर में इस भौतिक संसार की सभी वस्तुएँ समाप्त हो जाती हैं या खो जाती हैं. Read More
भगवान की दृष्टि के बिना कोई भी भौतिक रचना नहीं हो सकती. भगवान की दृष्टि के बिना कोई भी भौतिक रचना नहीं हो सकती. Read More
भगवान भौतिक संसार का निर्माण अपनी संतुष्टि के लिए नहीं करते. भगवान भौतिक संसार का निर्माण अपनी संतुष्टि के लिए नहीं करते. Read More