जीव का बोध तब सक्रिय हो जाता है जब स्थूल शरीर और सूक्ष्म शरीर विकसित हो जाते हैं. जीव का बोध तब सक्रिय हो जाता है जब स्थूल शरीर और सूक्ष्म शरीर विकसित हो जाते हैं. Read More
मूर्ख लोग आत्मा के अस्तित्व से इंकार करते हैं. मूर्ख लोग आत्मा के अस्तित्व से इंकार करते हैं. Read More
इस भौतिक संसार में तथाकथित प्रेम और कुछ नहीं बल्कि यौन संतुष्टि है. इस भौतिक संसार में तथाकथित प्रेम और कुछ नहीं बल्कि यौन संतुष्टि है. Read More
सभी नक्षत्र – तारे, सूर्य और चंद्रमा – सीमित आत्मा की गतिविधियों के साक्षी हैं. सभी नक्षत्र – तारे, सूर्य और चंद्रमा – सीमित आत्मा की गतिविधियों के साक्षी हैं. Read More
आध्यात्मिक संसार में कोई यौन संबंध नहीं होते. आध्यात्मिक संसार में कोई यौन संबंध नहीं होते. Read More
यह प्रमाण कहाँ है कि मैं पिछले कर्मों के प्रतिफल का ही कष्ट उठा रहा हूँ और आनंद ले रहा हूँ? यह प्रमाण कहाँ है कि मैं पिछले कर्मों के प्रतिफल का ही कष्ट उठा रहा हूँ और आनंद ले रहा हूँ? Read More
मन हमारे पिछले जीवन के दौरान आए विभिन्न विचारों और अनुभवों का भंडार है. मन हमारे पिछले जीवन के दौरान आए विभिन्न विचारों और अनुभवों का भंडार है. Read More
जीव पहले वह शरीर स्वीकार करता है जो मानव रूप में हो. जीव पहले वह शरीर स्वीकार करता है जो मानव रूप में हो. Read More
यह कृष्ण चेतना आंदोलन बस कृष्ण की उपासना का ही पक्ष क्यों लेता है? यह कृष्ण चेतना आंदोलन बस कृष्ण की उपासना का ही पक्ष क्यों लेता है? Read More
देवी काली सामिष भोजन कभी स्वीकार नहीं करतीं क्योंकि वे भगवान शिव की पवित्र पत्नी हैं. देवी काली सामिष भोजन कभी स्वीकार नहीं करतीं क्योंकि वे भगवान शिव की पवित्र पत्नी हैं. Read More