भगवान बुद्ध ने आत्मा के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी है. भगवान बुद्ध ने आत्मा के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी है.
जीव का बोध तब सक्रिय हो जाता है जब स्थूल शरीर और सूक्ष्म शरीर विकसित हो जाते हैं. जीव का बोध तब सक्रिय हो जाता है जब स्थूल शरीर और सूक्ष्म शरीर विकसित हो जाते हैं.
जिन जीवों के पास जीवन शक्ति होती है वे निष्क्रिय पदार्थ से श्रेष्ठ होते हैं. जिन जीवों के पास जीवन शक्ति होती है वे निष्क्रिय पदार्थ से श्रेष्ठ होते हैं.
मन हमें हमेशा ऐसा करने या वैसा करने को कहता रहता है. मन हमें हमेशा ऐसा करने या वैसा करने को कहता रहता है.
सभी नक्षत्र – तारे, सूर्य और चंद्रमा – सीमित आत्मा की गतिविधियों के साक्षी हैं. सभी नक्षत्र – तारे, सूर्य और चंद्रमा – सीमित आत्मा की गतिविधियों के साक्षी हैं.
जीवन पदार्थ से मिलता है या पदार्थ जीवन से मिलता है? जीवन पदार्थ से मिलता है या पदार्थ जीवन से मिलता है?
मिथ्या अहंकार जीवों को किस प्रकार विस्मृति के बंधन में फ़ंसा लेता है. मिथ्या अहंकार जीवों को किस प्रकार विस्मृति के बंधन में फ़ंसा लेता है.
महत्-तत्व विशुद्ध चेतना की परछाईं है जहाँ से जीवों के मिथ्या अहंकार का जन्म होता है. महत्-तत्व विशुद्ध चेतना की परछाईं है जहाँ से जीवों के मिथ्या अहंकार का जन्म होता है.