मृत्यु के समय हर जीवित व्यक्ति को चिंता होती है कि उसकी पत्नी का क्या होगा. मृत्यु के समय हर जीवित व्यक्ति को चिंता होती है कि उसकी पत्नी का क्या होगा.
कलियुग में, कोई भी जीव पापमय गतिविधि का पीड़ित तब तक नहीं बनता जब तक कि वह कृत्य वास्वव में नहीं किया जाता. कलियुग में, कोई भी जीव पापमय गतिविधि का पीड़ित तब तक नहीं बनता जब तक कि वह कृत्य वास्वव में नहीं किया जाता.
कर्म के नियम के परिणामों को केवल भगवान ही बदल सकते हैं. कर्म के नियम के परिणामों को केवल भगवान ही बदल सकते हैं.
प्रत्येक व्यक्ति को नियत कर्तव्य निभाने पड़ते हैं. प्रत्येक व्यक्ति को नियत कर्तव्य निभाने पड़ते हैं.
व्यक्ति पापमय कर्मों की प्रतिक्रियाओं को कैसे रोक सकता है? व्यक्ति पापमय कर्मों की प्रतिक्रियाओं को कैसे रोक सकता है?
वर्तमान संकट के लिए पिछले कर्म किस प्रकार उत्तरदायी होते हैं? वर्तमान संकट के लिए पिछले कर्म किस प्रकार उत्तरदायी होते हैं?
क्या भगवान कृष्ण के भक्तों को अपने पिछले कुकर्मों के लिए कष्ट भोगना पड़ेगा? क्या भगवान कृष्ण के भक्तों को अपने पिछले कुकर्मों के लिए कष्ट भोगना पड़ेगा?