भौतिक रचना का मूल कारण भगवान की दृष्टि है.

वैदिक निर्देशों से हम यह समझते हैं कि इस भौतिक संसार की रचना भगवान के परम व्यक्तित्व की दृष्टि से हुई है ( स ऐक्षत, स असृजत). भगवान के परम व्यक्तित्व ने महत्-तत्व, या भौतिक ऊर्जा पर दृष्टिपात किया, और जब वह उत्तेजित हुआ, तब सब कुछ अस्तित्व में आ गया. पश्चिमी दार्शनिक कई बार सोचते हैं कि उत्पत्ति का कारण एक पिण्ड है जिसमें विस्फोट हुआ था. यदि कोई इस पिण्ड को संपूर्ण भौतिक ऊर्जा, महत्-तत्व मानता है, तो वह समझ सकता है कि वह पिण्ड भगवान के दृष्टिपात से उत्तेजित हुआ था, और इस प्रकार भगवान का दृष्टिपात ही भौतिक उत्पत्ति का मूल कारण है.

स्रोत – अभय चरणारविंद स्वामी प्रभुपाद (2014 संस्करण, अंग्रेज़ी), “श्रीमद् भागवतम्” , नवाँ सर्ग, अध्याय 5, पाठ 5