जीवन की अवधि भिन्न-भिन्न प्राणियों के लिए भिन्न कैसे है?
Post Views: 1,472
जगत में सभी वस्तुओं में अंतर्संबंध है. हमारे शरीर, बुद्धि, और बाकी सब कुछ आपस में संबंधित हैं. हमारे लिए किसी चींटी का जीवन बहुत छोटा लग सकता है, लेकिन स्वयं चींटी के लिए उसका जीवन लगभग सौ वर्ष का है. वे सौ वर्ष शरीर से संबंधित हैं. इसी प्रकार, ब्रम्हा, जो हमारे दृष्टिकोण से आश्चर्यजनक रूप से बहुत लंबा जीवन जीते हैं, स्वयं उनके दृष्टिकोण से केवल सौ वर्ष जीते हैं. भगवत-गीता (8. 17) में कृष्ण कहते हैं: “मानव गणना के अनुसार, सहस्त्र युगों को एक साथ मिलाने पर ब्रम्हा का एक दिन होता है. और इतनी अवधि की ही उनकी रात्रि होती है.” इस प्रकार, इन गणनाओं के अनुसार, ब्रम्हा लाखों- करोड़ों वर्षों तक जीवन जीते हैं.
स्रोत: अभय चरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद (2014 संस्करण, अंग्रेजी), “आत्म-बोध का विज्ञान”, पृष्ठ 261