जनसंख्या को सामान का उपयोग करने का अधिकार केवल उसे भगवान के परम व्यक्तित्व को अर्पण कर देने के बाद ही होता है.

दुर्लभ परिस्थितियों में जब अनाज की आपूर्ति नहीं होती है, तो सरकार मांस खाने की अनुमति दे सकती है.

यदि सभी लोग मोक्ष प्राप्त करने के लिए आध्यात्मिक गतिविधियों में रत होंगे, तो चीज़ें वैसी की वैसी कैसे चल सकेंगी?

व्यक्ति को अपने परिवार के सदस्यों, देशवासियों, समाज और समुदाय के लिए कल्याणकारी गतिविधियों में बहुत अधिक संलग्न नहीं होना चाहिए.

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