इस भौतिक संसार में तथाकथित प्रेम और कुछ नहीं बल्कि यौन संतुष्टि है. इस भौतिक संसार में तथाकथित प्रेम और कुछ नहीं बल्कि यौन संतुष्टि है. Read More
सभी नक्षत्र – तारे, सूर्य और चंद्रमा – सीमित आत्मा की गतिविधियों के साक्षी हैं. सभी नक्षत्र – तारे, सूर्य और चंद्रमा – सीमित आत्मा की गतिविधियों के साक्षी हैं. Read More
आध्यात्मिक संसार में कोई यौन संबंध नहीं होते. आध्यात्मिक संसार में कोई यौन संबंध नहीं होते. Read More
यह प्रमाण कहाँ है कि मैं पिछले कर्मों के प्रतिफल का ही कष्ट उठा रहा हूँ और आनंद ले रहा हूँ? यह प्रमाण कहाँ है कि मैं पिछले कर्मों के प्रतिफल का ही कष्ट उठा रहा हूँ और आनंद ले रहा हूँ? Read More
देवी काली सामिष भोजन कभी स्वीकार नहीं करतीं क्योंकि वे भगवान शिव की पवित्र पत्नी हैं. देवी काली सामिष भोजन कभी स्वीकार नहीं करतीं क्योंकि वे भगवान शिव की पवित्र पत्नी हैं. Read More
पूजा के ढंग में परिवर्तन विशिष्ट समय, देश और सुविधा के अनुसार अनमत हैं. पूजा के ढंग में परिवर्तन विशिष्ट समय, देश और सुविधा के अनुसार अनमत हैं. Read More
गर्भनिरोधी विधियों से जनसंख्या सीमित करना भी पापमय कर्म है. गर्भनिरोधी विधियों से जनसंख्या सीमित करना भी पापमय कर्म है. Read More
सामान्यतः, पुरुष की प्रवृत्ति कई स्त्रियों के भोग की होती है. सामान्यतः, पुरुष की प्रवृत्ति कई स्त्रियों के भोग की होती है. Read More
धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार किया गया संभोग कृष्ण चेतना का प्रतिनिधित्व है. धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार किया गया संभोग कृष्ण चेतना का प्रतिनिधित्व है. Read More