भगवान के व्यक्तिगत रूप का बोध योग का उच्चतम आदर्श चरण है. भगवान के व्यक्तिगत रूप का बोध योग का उच्चतम आदर्श चरण है. Read More
भौतिक विज्ञान की कोई भी वैज्ञानिक उन्नति कभी भी जीव को उत्पन्न नहीं कर सकती है. भौतिक विज्ञान की कोई भी वैज्ञानिक उन्नति कभी भी जीव को उत्पन्न नहीं कर सकती है. Read More
जनसंख्या में वृद्धि के कारण पृथ्वी पर कभी भी अधिक भार नहीं पड़ा है. जनसंख्या में वृद्धि के कारण पृथ्वी पर कभी भी अधिक भार नहीं पड़ा है. Read More
आत्म बोध के लिए या इंद्रिय संतुष्टि के लिए तपस्या? आत्म बोध के लिए या इंद्रिय संतुष्टि के लिए तपस्या? Read More
मानव जन्म आत्म-साक्षात्कार के लिए एक महान अवसर होता है. मानव जन्म आत्म-साक्षात्कार के लिए एक महान अवसर होता है. Read More
कोई भक्त अपने पिछले दुर्व्यवहार और अनैतिक गतिविधियों से कैसे प्रभावित होता है? कोई भक्त अपने पिछले दुर्व्यवहार और अनैतिक गतिविधियों से कैसे प्रभावित होता है? Read More
अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग करके, जीव भगवान की सेवा से पतित हो जाता है. अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग करके, जीव भगवान की सेवा से पतित हो जाता है. Read More
इंद्रिय तुष्टि की वैदिक प्रक्रिया की योजना इस प्रकार बनाई गई है कि व्यक्ति अंततः मुक्ति पा सके. इंद्रिय तुष्टि की वैदिक प्रक्रिया की योजना इस प्रकार बनाई गई है कि व्यक्ति अंततः मुक्ति पा सके. Read More
ब्राम्हण और वैष्णव किसी अन्य के व्यय पर नहीं रहते. ब्राम्हण और वैष्णव किसी अन्य के व्यय पर नहीं रहते. Read More