View Larger Image आध्यात्मिक संसार के अतिरिक्त, भगवान की पूजा हमेशा अर्च-विग्रह के रूप में की जाती है. Post Views: 2,385 (Visited 321 times, 1 visits today) blucursor2023-07-26T15:56:23+05:30 Related Posts आध्यात्मिक जीवन/भगवान से संबंध रखने के लिए तप की आवश्यकता क्यों होती है? आध्यात्मिक जीवन/भगवान से संबंध रखने के लिए तप की आवश्यकता क्यों होती है? सितम्बर 8th, 2023 | 0 Comments ऐसा क्यों है कि लक्ष्मी, इतनी पवित्र पत्नी होकर भी, कृष्ण से संबंध चाहती हैं? ऐसा क्यों है कि लक्ष्मी, इतनी पवित्र पत्नी होकर भी, कृष्ण से संबंध चाहती हैं? जुलाई 26th, 2023 | 0 Comments कृष्ण न तो प्रार्थनाओं से प्रभावित होते हैं और न ही निन्दा से. कृष्ण न तो प्रार्थनाओं से प्रभावित होते हैं और न ही निन्दा से. जुलाई 26th, 2023 | 0 Comments परम भगवान सभी के प्रति तटस्थ होते हैं. परम भगवान सभी के प्रति तटस्थ होते हैं. जुलाई 26th, 2023 | 0 Comments यमराज कौन हैं? यमराज कौन हैं? जुलाई 26th, 2023 | 0 Comments भगवान रामचंद्र, भगवान कृष्ण के समान ही हैं. भगवान रामचंद्र, भगवान कृष्ण के समान ही हैं. जुलाई 26th, 2023 | 0 Comments Leave A Comment जवाब रद्द करेंComment
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