क्या कृष्ण चेतना के अभ्यास के लिए वेश-भूषा, रूप-रंग जैसे किसी विशेष नियम का पालन करना होता है?
Post Views: 508
भगवा वस्त्र और सिर मुंडवाना आवश्यक नहीं है, यद्यपि वे एक अच्छी मानसिक स्थिति का निर्माण करते हैं, वैसे ही जैसे सेना का जवान उचित वस्त्र पहनता है तो उसे ऊर्जा मिलती है-वह सैनिक जैसा अनुभव करता है. क्या इसका अर्थ यह है कि जब तक वह गणवेश में न हो वह युद्ध नहीं कर सकता? नहीं. उसी प्रकार, भगवान चेतना की जाँच भी नहीं की जा सकती-लेकिन कुछ स्थितियाँ सहायक होती हैं. इसलिए हम सुझाव देते हैं कि आप एक विशिष्ट ढंग से रहें, एक विशिष्ट ढंग से वस्त्र पहनें, विशिष्ट ढंग से भोजन करें, और अन्य. ये बातें कृष्ण चेतना के अभ्यास के लिए सहायक हैं, लेकिन आवश्यक नहीं हैं.
स्रोत: अभय चरणारविंद स्वामी प्रभुपाद (2014 संस्करण, अंग्रेजी), “आत्म-साक्षात्कार का विज्ञान”, पृ. 186