आध्यात्मिक गुरु और भगवान के परम व्यक्तित्व में क्या अंतर होता है. आध्यात्मिक गुरु और भगवान के परम व्यक्तित्व में क्या अंतर होता है.
वर्तमान समय में कई संप्रदाय हैं जो प्रामाणिक नहीं हैं. वर्तमान समय में कई संप्रदाय हैं जो प्रामाणिक नहीं हैं.
कुछ भौतिक लाभ प्राप्त करने हेतु, बद्ध आत्मा छद्म सन्यासियों और योगियों के पास पहुँच जाती है. कुछ भौतिक लाभ प्राप्त करने हेतु, बद्ध आत्मा छद्म सन्यासियों और योगियों के पास पहुँच जाती है.
वे जो भगवान के मायावी सामर्थ्य से सशक्त होते हैं कृष्ण के साथ एक अप्रत्यक्ष संबंध में होते हैं. वे जो भगवान के मायावी सामर्थ्य से सशक्त होते हैं कृष्ण के साथ एक अप्रत्यक्ष संबंध में होते हैं.
जब व्यक्ति परम सत्य के सीधे संपर्क में होता है तो सभी अप्रत्यक्ष प्राधिकरण लुप्त हो जाते हैं. जब व्यक्ति परम सत्य के सीधे संपर्क में होता है तो सभी अप्रत्यक्ष प्राधिकरण लुप्त हो जाते हैं.
आचार्य का कर्तव्य उन साधनों की खोज है जिनके द्वारा भक्त सेवा कर पाए. आचार्य का कर्तव्य उन साधनों की खोज है जिनके द्वारा भक्त सेवा कर पाए.
यदि आप आध्यात्मिक गुरु के आदेश की अवहेलना करते हैं तो आप सब कुछ खो देते हैं. यदि आप आध्यात्मिक गुरु के आदेश की अवहेलना करते हैं तो आप सब कुछ खो देते हैं.
आध्यात्मिक गुरु और भगवान के परम व्यक्तित्व में क्या अंतर होता है. आध्यात्मिक गुरु और भगवान के परम व्यक्तित्व में क्या अंतर होता है.
कुछ भौतिक लाभ प्राप्त करने हेतु, बद्ध आत्मा छद्म सन्यासियों और योगियों के पास पहुँच जाती है. कुछ भौतिक लाभ प्राप्त करने हेतु, बद्ध आत्मा छद्म सन्यासियों और योगियों के पास पहुँच जाती है.
केवल सबसे भाग्यशाली व्यक्ति ही गुरु के संपर्क में आते हैं. केवल सबसे भाग्यशाली व्यक्ति ही गुरु के संपर्क में आते हैं.